फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसियों में नए फीचर्स जोड़ रही हैं बीमा कंपनियां
यह बीमा पॉलिसी खरीदते समय प्रीमियम पर डिस्काउंट के बजाय फीचर्स पर ध्यान देना जरूरी है
निवेशक की मृत्यु के बाद नॉमिनी उसकी संपत्ति पर अपना दावा पेश कर सकता है. कोई भी व्यक्ति उन तमाम अचल और चल संपत्तियों में नॉमिनी बना सकता है जिन पर उसका मालिकाना हक है.
बीमा एजेंट आपको जो पॉलिसी दे रहा है उसे तत्काल खरीदने का फैसला न लें. एजेंट को बताएं कि इस बारे में अपने मित्र से चर्चा करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे. इसके लिए एजेंट को एक सप्ताह बाद आने के लिए कहें.
एफडी पर आसानी से लोन मिल जाता है. मामूली सी औपचारिकताएं पूरी करने पर ही यह लोन आसानी से मिल जाता है. यह कर्ज एफडी पर मिलने वाले ब्याज की तुलना में एक फीसद तक महंगा होता है. इसके अलावा, ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी, किसान विकास पत्र आदि पर कर्ज का प्रावधान है. बैंकों के पर्सनल लोन की तुलना में यह काफी सस्ता पड़ता है.
एजुकेशन लोन छात्र के नाम पर होता है लेकिन उसमें गारंटर की जरूरत पड़ती है जो आमतौर पर छात्र के माता-पिता होते हैं. यह लोन बिना जमानत यानी बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाता है.
जैसे ही आप बचत खाता खोलते हैं, आप अपनी वसीयत लिखने के पात्र हो जाते हैं. वसीयत को बिना किसी कानूनी शब्दजाल के बिल्कुल सरल भाषा में भी लिखा जा सकता है.
Cost to Company यानी CTC आपको जॉब के ऑफर लेटर के साथ दी जाती है. यह रकम बताती है कि एक एम्पलॉय को हायर करने में कंपनी कितना कॉस्ट यानी लागत आ रही है.
अगर किसी खाते में जमा राशि शून्य हो जाती है तो उसे बंद कर देना चाहिए. लेकिन कमाई के चक्कर में बैंक नैतिकता को ताक पर रखकर लोगों की जेब ढीली कर रहे हैं.
कुछ लोग कमाते तो बहुत हैं, लेकिन फिर भी कोई बड़ी जरूरत आ जाए, तो उनके पास पैसा नहीं होता. आपका पैसा जाता कहां है, अगर यह जानना है, तो पर्सनल बैलेंस शीट जरूर बनाइए.